म्हनै अेक हिड़दै देवौ
म्हैं थांरै मांय भर दूंला कीं इमरत अटूट धार सूं
म्हनै अेक चुंबन देवौ
म्हैं उणनै फळती मिती समेत कर दूंला पाछौ
म्हनै अठै सुजोग देवौ
ख़ुद रै पाण बचण सारू
दैवौ म्हारी न्यारी जमीं
म्हैं देवूंला केई अकास अर अेक न्यारौ सरग।