जलम लैय तर-तर बधता

आदमी रै मांय रौ मांय

छानै-मांनै

हवळै-हवळै बणतो रेवै तार-तार

अेक मारग!

मांय रौ मांय भेळौ व्हैवतौ

डुसक्यां अर अमूंजणी री गळाई

मोको देख

बख लागतां

बांस रा भूंगा री गळाई

चांणचक फूटै

अर पाधरौ तण जावै बायरा में

इन्नरधनख ज्यूं

अध्धर, अदीठ, धूवां रा पेल जेड़ौ मारग

इज अेक मारग

जिकौ बिनां चाल्यां बणै

अबोट

इत्तौ अबोट के इण माथै पड़तां

पराये पग री छांवली

मारग अबड़ाय जायां करै

अन्या-मन्या रौ मारग

के जिकौ नीं जावै

किणी एक गांव सूं दूजा गांव लग

तौ फगत

म्हारै मांय सू ऊगै अर पाधरौ पूग जावै थारै तक

साव सपाट

टवळ्यां विहूंणौ

सीधी रेख री गळाई साव सीधौ

एकदम निजू मारग

जिण माथै दुनियां

ठौड़-ठौड़

गुपचुप-गुपचुप बिछाय दिया करै

नागी तरवारां, तीखी कीलां, अणियाळा नेजा

ज्यूं बख पूगै सरधा परवाणै

इणसू नीं डरै कदैई

इण मारग रौ मारगू

इस नीं ढबै कदैई

इण मारग रौ मारगू

हौ वौ इज मारग

के जिणरै आडी बिछगी ही नंदी

अर काचा माटा माथै कर चालतो डूबग्यो हो महिवाळ

वौ इज मारग

के जिण माथै बूई ही महेंद्रा री सांढ

के जिण मांय व्ही ही भाटा री बिरखा मजनू माथै

मारग व्है इत्तौ सांकड़ौ

के जिण माथै नीं मावै

एक सूं बेसी दोय

अेकणसागै

आपरौ माथौ उतार हळका फुलका व्हैय

बुआ है अलेखूं दांण

इण मारगियै इण मारग रा जातरू

पण

पूगा कित्ताक भागधारी

सवाल फालतू है

क्यूं के मारग जावण रौ है पूगण रौ नीं

इज है वौ मारग

जिको मरै मारगू सागै

अर जलमें मारगू साथै

आं... हां

इण मारग नीं चाल सकै

डील सिळगाय वळती सतियां

कड़ाजूट टणकैल जोधार

आजादी रा 'अेस्ट्रोनौट'

भगमाधारी, बिरमचारी

दुनियावी-दुनियादार

नीं-नीं कोई नीं चाल सकै

आं सगळां ने जरू कर दियां करै

इण मारग तळ रौ

'ग्रेविटेसनल फोर्स'

पण इणीज माथै दोड़ती सरणाट

अळवांणी पाळी-पाळी

पूगगी ही ऊजळी, सकुंतला, मारवणी, सौहनी

सदेहां

देह सूं देह लग!

असल में मारग

खुद सूं खुद तांणी जावण रौ है

इण माथै मंडै जिका खोज

वांनै चातरंग सूं चातरंग पागी

आपरौ आवगौ माथौ पचाय

नीं ओळख सकै

आपरा इण मारग री

करौ अंवेर

नींतर दूजा से मारग तौ आवणा जावणा है

उडता पुंकेसरां रौ उडतौ मारग

उडतौ-उडतौ इज पूग्यां करै

भांय अर टैम रौ कोई समीकरण

नीं चालै अठै

गति चाल वेग

अेकूका व्है जावै फालतू

मारग

मारग नीं है अेक बलाय है

अजब-गजब री बलाय

जिकी गाळ देवै

धरम

समाज

जात-पांत

छोटा-मोटा

काळा-गोरा

रूप अर विडरूप सगळा रौ गुमैज

मिनख नै मिनख रै गतै घाल देवै

इणीज मारगियै

म्हैं बिछायत करी हूं आज

म्हारै काजळिया कोयां री

थूं आव

आपरा कंकूं पगल्या धरती

रुण झुण नेवरियां बजावती

आवळ-टणका टणकावती

बिजळियां रौ सुरमौ मार

गेह-डंबर बादळियां लिपटाय

चीता-लंकी गंज-गामणी

रुत आयां रुत आवणी

देस काळ री कार उलांघती

म्हारी सींवविहूंणी सींव

आव

थनै म्हारै खातर आई देख

मौत कर लुकाय लूं

मांय लुकाय दूं उंडी उंडी

वठै-वठै

के जठै सूं फूटै है मारग

मारग सरीखौ मारग

इकडंकी मारग!

स्रोत
  • पोथी : मारग ,
  • सिरजक : चंद्रप्रकाश देवल ,
  • प्रकाशक : देवल प्रकासन, गोटीपा
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