अेक

देखो तो सई
टाबरां री आंख्यां रो च्यानणौ
कित्ती हूंस व्है
भान चुगण री
ताकती रैवे आंख्यां
भान नै
खथावळ सूं खथावळ
भान भैळी करण री
सांची
गांव जींवतो देख्यो
ब्याव में।

दो

टाबरा री टोळ नै
भान चुगता
जींवतो होग्यो ब्यांव
अर
म्हारौ गांव
टाबरां री टोळ
भैळी भान।

तीन

टाबरां री आंख्यां में
देख्यो
बसतो गांव
खड़ी ही टाबरां री टोळ
उड़ीकै ही
भान फैकणीयै
हाथां री करामात नै।
स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक (दूजो सप्तक) ,
  • सिरजक : गौरीशंकर ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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