घर कठै है

तौ थूं है मां!

गवाड़ी में

रिगदोळीजियोड़ौ पड़ियौ है

थारौ हेत,

बारणै माथै

चिपियोड़ा है थारा हाथ,

आंगणै

नीपीजयोड़ी है थारी सांस

रसोई में

रांधीजै है थारी जूंण...

मैफिल सजाय

बाजोट रै ओळै-दोळै

बैठां हां म्है

दुबारै री छाक लेय

उडीकां हां

जीमण नै।

स्रोत
  • पोथी : घर तौ एक नाम है भरोसै रौ ,
  • सिरजक : अर्जुनदेव चारण ,
  • प्रकाशक : रम्मत प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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