ठिकाणो तो बो है

घर... बो घर कोनी

जिको हो

जीसा..!

नांव तो बो है

भाई... बो भाई कोनी

जिको हो

जीसा..!

घर जिण में थे हा जीसा।

भाई जिण में म्हैं हो जीसा।।

ठाह कोनी पड़ी

कद कांई हुयग्यो!

जूनै घर नै दाब’र ऊभो है नूंवो घर।

जीसा! थे बणायो

बो घर अबै कोनी।

भाई कैवै— घर है।

इसै घर बाबत

म्हैं कांई कैवूं जीसा?

स्रोत
  • पोथी : पाछो कुण आसी ,
  • सिरजक : डॉ.नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : सर्जना प्रकाशन, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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