मा देवै जलम

जी सा पाळै!

मा बिरमा म्हारी

जी सा बिसणूं

म्हारो लेखो,

म्हारा करियोड़ा करम,

म्हारो संकळप महेस होय'र

सगळा पडपंच सुंवारै है...

देखो

बेमाता री गिणत में

मा पै'ली है!

आओ, आपां

पै'ली राखां मा नै

आओ... बेटी नै बचावां।

स्रोत
  • पोथी : अंतस दीठ ,
  • सिरजक : रचना शेखावत ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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