कुण बखेरी।
तासळी सा आंगणां में।
एक च्यूंठी तावड़ी।
जिनगाणी बांधै अठे बूंदी।
सै जेज री जूत्यां करै सूंदी।
कूंळै चिपरी ऊजळी किरण।
आंसुवां सूं पांगरै अंधार डावड़ी।
एक च्यूंठी तावड़ी॥
नित नूवां गाभा बदळले अपणेस।
मानखो दे घणेरा प्रीत रा उपदेस।
अेवड़-छेवड़ मिनख मोकळा।
पण मिनख रै बीच लाखूं आवड़ी।
एक च्यूंठी तावड़ी॥
छिपकल्यां रो डर घणेरो, खैर।
इजगरां रो खोळियो ले पैर।
बायरा रै सागै-सागै चाल।
हियां री सै गळ्यां कर सांकड़ी।
एक च्यूंठी तावड़ी॥
बारणां पर मंडर्या उड़ता मोर।
आगणां में लुकर्या डाकू चोर।
आखरां रा बदळग्या सै अरथ।
मानखा नै तौल, बदळ ताकड़ी।
एक च्यूंठी तावड़ी॥