अै रूंख एक अंत बिहूण जातरा एक चोरंगी जिन्दगी एक च्यूंठी तावड़ी एक मांदो गांव’र मैं जिनावर अर मिनख जिन्दगी के नांव द्यूं? किरच्या पाछो आव रोई रा रूंख