सूरज ऊगो
भोर हुयी
मस्त गगन में छायो
सगळां रै मन में भायो
छिटकण लाग्यो अंधारो
नभ में उजाळो छायो
चिड़कल्यां चीं-ची कीन्ही
कूकड़ियो कुकड़ू-कू
बांग दीन्ही
भानु रै स्वागत में
गीत गाया।