चिड़ी री चिंचाट
कागलै री कांव
कोयल री कूक
गैरां री गुटर-गूं
नीं है फगत
कान फोड़ू कारो..!
बै तो भरै-
दादै री भोळावण
बापू सा रै प्रेम
भाई री भावना
अर प्रीत री
पावण परछाई में
न्यारा निरवाळा रंग..!