भोर री बेला
रसियो सूरज
चोरी-चुपकै सूं आ’र
कर न्हाख्यो आभो लाल!
जाणै कोई बहनोई
होली खेलण रै मिस
साली रै गालां माथै
मसल दी हुवै गुलाल!