कुरसी

बा कुरसी

स्सै कुबधां री मा, कुरसी।

ईं कुरसी नै निमस्कार भाई,

हाकम री गादी है

ईं रै उपर बैठणियां नै

लूटण री आजादी है।

कुरसी है जिलाधीश री

आं कुरस्यां सूं ऊंची है

ईं कुरसी रै हाथ जिलै री

स्सै कुरस्यां री कूंची है।

आं कुरस्यां री मनमानी में

कुरसी री राय है

अै जे स्सै कुरसी चोरां री

चोरां री मांय है।

कुरसी जद हुकम चलावै

सुणै जिको थर-थर थरावै,

ईं कुरसी सूं राम बचावै,

जिलाधीश री गादी है।

पूरै एक जिलै री

ईं कुरसी नीचै आबादी

कुरसी,

बा कुरसी,

है चोरां री मा कुरसी।

कुरसी एस.पी.साहब री

ईं कुरसी रै वरदी है

ईं कुरसी रै पाण पुलिस री

सारी गुण्डा गरदी है।

कुरसी माणस मारयोड़ै

नै रळवादे रोळै मै

ईं कुरसी री भेट चढ़ा

डाकू लूटै दिन धोळै मैं।

ईं रा साथी चोर लुटेरा

अैरा गैरा नत्थू खैरा

ईं रै पाण जुलम रा डेरा

दादा री दादी है

ईं कुरसी रै हाथां-

इज्जतदारां री बरबादी है।

कुरसी डाक्टर साहब री

आं कुरसी ईलाज करै

‘मेडिसन’ रै कोटै रो

झूठो साचो इन्द्राज करै

फूट्योड़ो सिर, फूटै नईं

ईं कुरसी री रिपोटां सूं

लठ री तलवार बणा दे

है, थोड़ै सै लोटां सूं।

रोगी रो रगत निचोड़ै

रंग रो पाणी प्या-प्या चोड़ै

दे चढ़ा मौत रै घोड़ै,

कुरसी जल्लादी है

कुल मोतां में , ईं रै मार्‌यां

री तादायद आधी है।

कुरसी है मंत्री जी री

ईं कुरसी पर जनता है

आजादी रै पछै, देस री

ही भाग नियन्ता है।

ईं कुरसी री लगातार पण

एक बुरी परिपाटी है

लोगां री सगळां सू जादा

इण कुरसी जड़ काटी है।

कुरसी, बा कुरसी

गई लूट’र खा कुरसी

कुरसी नै नमस्कार भाई,

जद कुरसी पर दादी ही,

इण लोगां री पटक-पटक’र

नसबंदी करवादी ही।

कुरसी

बा कुरसी

स्सै चोरां री मा कुरसी।

स्रोत
  • पोथी : बानगी ,
  • सिरजक : मोहन आलोक ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम
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