नैण-बादळी बरसै, बीजळ हिवड़ै में नी नावड़ै!
कौल करो आवण रा पूरा, सावण में नी आवड़ै!
प्राण-मिनरियै में गावै है,
गीत अलूणा पीड़ रे!
रोणी-सूरत लियां लगावै,
राग-रागळ्यां भीड़ रे!
संगळिया सुर साथ निभावै,
समदर रो जळ काढ़ रे!
नेह-नदी में इणविध आवै,
पिया, विरह री बाढ़ रे!
बुध जावै तो सुध आ जावै, सुध जावै : बुध बावड़ै!
कौल करो आवण रा पूरा, सावण में नी आवड़ै!
अंग री अगन बुझण दै कोनी,
सिळगावै दिन-रात रे!
चेतै आवै, जद-जद कोई,
भूली-बिसरी बात रे!
गळो गळगळो होवै, छैड़ै
दरदीली-सी तान रे!
मोर, पपैया, दादर, सगळा,
सुणै लगा कर ध्यान रे!
कठै न दीसै छांव, बळै है थारी मरवण तावड़ै!
कौल करो आवण रा पूरा, सावण में नी आवड़ै!
रात्यूं जुड़ै सुपन रा मेळा,
सुधियां घूमै झूमती!
सुपनां सांचा होय, पिया!
तो मैं सुधियां नै चूमती!
मेळा तूटै, नैणां बूठै,
तूठै आंसू सेज नै!
थामी थमै न ध्यावस खावै,
कियां पकड़ ल्यूं जेज नै!
तातल-घुड़लै चढ़-चढ़ भाजै, पगल्या मेल’र पांवड़ै!
कौल करो आवण रा पूरा, सावण में नी आवड़ै!
मन रै मरवै नै मैकारै,
आ सावण री पूनड़ी!
सोरम नै सिणगारै बैरण,
आ रिमझिम री चूनड़ी!
सांसां सूं ले घुटण उकळती,
उमड़ी आवै बादळ्यां!
बरसै मूसळधार, भरीजै
भीजै सगळी अळ्यां-गळ्यां!
पिया! छोड़ परभोमी, पूठा आवो थारै गांवड़ै!
कौल करो आवण रा पूरा, सावण में नी आवड़ै!