खेतां में सरसों फूली
म्हारो खेत मनै मन भावै रे
बेगा चालो राणाजी
म्हारो खेत मनै बुलावै रे। म्हारो खेत...
लीला-लीला दीख्या रे पानड़ा
झूम झूम कर नाचै रे
झीणों-झीणों बाजै रे बायरो
फूलां री सौरभ आवै रे। म्हारो खेत...
पीली म्हारी चूंदड़ी
और पीली छै थांकी पागजी
पीला रंग रा खिल्यारे फूलड़ा
ओ पीलो हुयो प्रभात रे। म्हारो खेत...
बावड़ी रो पाणी भी
पवन सूं झोंका खावै रे
लहरां ऊठै मिट-मिट जावै
बो कमल नाचतो जावै रे। म्हारो खेत...
आंबा पर मंजरी फूलगी
कोयल कूह-कूह गावै रे
झूम-झूम पंछिड़ा नाचै
ओ ऋतुराज मन भावै रे। म्हारो खेत...