वसंत पर गीत

वसंत को ऋतुराज कहा गया

है, जब प्रकृति शृंगार करती है। प्रकृति-काव्य का यह प्रमुख निमित्त रहा है। नई कविताओं ने भी वसंत की टेक से अपनी बातें कही हैं। इस चयन में वसंत विषयक कविताओं को शामिल किया गया है।

गीत3

आयो रितुराज

शिव पांडे

बसंत ऋतु आ गई

सावित्री व्यास

मनभावण बसंत आयो री

चंद्र सिंह बिरकाळी