प्रीतम भेजी वादळी इण में मीन न मेख।
वरसण मिस झूरै खड़ी धण विळळंती देख॥
भावार्थ:- इस बादली को प्रितम ने भेजा है। इसमें मीन-मेख नहीं है। धन्या को विलाप करते हुए देख कर यह बरसने के मिस रो रही है।