सज धज आवै सामनै चालै मधरी चाल।
सैण-सनेसो वादळी सुणा-सुणा ततकाल॥
भावार्थ:- तू सज-धज कर सामने आती और धीमी-धीमी चाल चलती है। बादली, साजन का संदेशा तत्काल सुना दे।