क्या गंगा क्या गोमती, बदरी गया पिराग।

सतगुर मैं सब ही आया, रहे चरण लिव लाग॥

स्रोत
  • पोथी : मध्यकालीन कवयित्रियों की काव्य-साधना। ,
  • सिरजक : फूलीबाई ,
  • संपादक : उषा कंवर राठौड़ ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केन्द्र, दुर्ग, जोधपुर।
जुड़्योड़ा विसै