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साइट: परिचय
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अंजस सोशल मीडिया
कामी कंथ के कारणै
फूलीबाई
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कामी
कंथ
के
कारणै,
कै
करीये
सिणगार।
पत
को
पत
रीझायलो,
फूली
को
भरतार॥
स्रोत
पोथी
: मध्यकालीन कवयित्रियों की काव्य-साधना।
,
सिरजक
: फूलीबाई
,
संपादक
: उषा कंवर राठौड़
,
प्रकाशक
: महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केन्द्र, दुर्ग, जोधपुर।
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