गांव-गाव में वादळी सुणा सनेसो गाज।

इंदर वूठण आवियो तूठण मुरधर आज॥

भावार्थ:- बादली, गांव-गाव में गरज कर यह संदेशा सुनादे कि आज मरुधरा को प्रसन्न करने के लिये इन्द्र बरसने आये हैं।

स्रोत
  • पोथी : बादळी ,
  • सिरजक : चंद्र सिंह बिरकाळी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : छठा
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