पाणी पर दूहा

पानी या जल जीवन के अस्तित्व

से जुड़ा द्रव है। यह पाँच मूल तत्त्वों में से एक है। प्रस्तुत चयन में संकलित कविताओं में जल के विभिन्न भावों की प्रमुखता से अभिव्यक्ति हुई है।

दूहा4

चालै पवन अटावरी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

जळ सो प्यारो जीव (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

चैत

रेवतदान चारण कल्पित