युद्ध पर काव्य खंड

युद्ध संघर्ष की चरम

स्थिति है जो एक शांतिहीन अवस्था का संकेत देती है। युद्ध और शांति का लोक, राज और समाज पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। प्रस्तुत चयन में युद्ध और शांति और विभिन्न प्रसंगों में उनके रूपकों के साथ अभिव्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।

काव्य खंड5

लक्ष्मण - मेघनाद जुद्ध वरणाव

प्रवीण बारहठ ‘सांगड़’

राम-रावण जुद्ध वरणाव

रामदान बारहठ ‘सांगड़’

भीष्म पितामह जुद्ध वरणाव

प्रवीण बारहठ ‘सांगड़’

छंद - 1971 रै जुद्ध रौ

भांवरदान बारहठ ‘भांण’

मतीरे री राड़

काशी छंगाणी