रेत पर गीत

रेत सूं हेत मरुथळ वासियां

रै हिंयै में हरमेस रह्यौ है। अठै री प्रतिकूलता आं बासींदां री जीवण-राग है। अठै संकलित रचनावां में 'रेत रो हेत'आप सुधि पाठकां नै निजर आवैला।

गीत6

रंगरूड़ो मरुदेस

प्रहलाद सिंह झोरड़ा

रैयी पीड़ री पीड़

विप्लव व्यास

गीत धोरा धरती रौ

शक्तिदान कविया

कळायण

मनुज देपावत

मंगळ गावां, मोद मनावां

राजूराम बिजारणियां