चाँदनी पर कवितावां

चाँदनी चाँद की रोशनी

है जो उसके रूप-अर्थ का विस्तार करती हुई काव्य-अभिव्यक्ति में उतरती रही है।

कविता11

चांनणी रात

रेवतदान कल्पित

उतरी चांदणी

प्रेमजी ‘प्रेम’

सरवर तीरां चांदणी

प्रेमजी ‘प्रेम’

चानणी रात

शिवराज छंगाणी

महाकाव्य प्रीत रो

रेणुका व्यास 'नीलम'

चांद मामो

मोहन मण्डेला

चंदो

चैन सिंह शेखावत

ओपमा

रामनिवास सोनी

अपणायत

मीठेश निर्मोही

चांद अेकलो

चैन सिंह शेखावत