कालीबंगा पर कवितावां

कालीबंगा राजस्थान के

हनुमानगढ़ ज़िले का एक प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्थल है। यहाँ सिंधु घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण अवशेष मिले हैं।कालीबंगा 4000 ईसा पूर्व से भी अधिक प्राचीन मानी जाती है।कालीबंगा सिंधु भाषा का शब्द है जो काली+बंगा (काले रंग की चूड़ियां) से बना है

कविता21

जका सोध्या है आज

ओम पुरोहित ‘कागद’

थेड़ री कूंख सूं

ओम पुरोहित ‘कागद’

अखूट जातरा में

ओम पुरोहित ‘कागद’

माटी होवण री जातरा

ओम पुरोहित ‘कागद’

ढिगळी होवण तांई

ओम पुरोहित ‘कागद’

कद बचता पंखेरू

ओम पुरोहित ‘कागद’

थेड़ रै तळै

ओम पुरोहित ‘कागद’

मधरी मधरी राग

ओम पुरोहित ‘कागद’

इतिहास काळीबंगा रो

ओम पुरोहित ‘कागद’

माणस रो परस

ओम पुरोहित ‘कागद’

नीं बतावै

ओम पुरोहित ‘कागद’

मिटाई होसी तिरस

ओम पुरोहित ‘कागद’

आज भळै

ओम पुरोहित ‘कागद’

भींत है साळ री

ओम पुरोहित ‘कागद’

छेकड़ली जंग

ओम पुरोहित ‘कागद’

परस रै लारै

ओम पुरोहित ‘कागद’

धूळ री जाजम

ओम पुरोहित ‘कागद’

बापड़ा दिन रात

ओम पुरोहित ‘कागद’

कोई तो हा हाथ

ओम पुरोहित ‘कागद’

है ई कोनीं कोई

ओम पुरोहित ‘कागद’

ढूंकी खंख

ओम पुरोहित ‘कागद’