पुसप पर गीत

अमेरिकी कवि एमर्सन ने

फूलों को धरती की हँसी कहा है। प्रस्तुत चयन में फूलों और उनके खिलने-गिरने के रूपकों में व्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।

गीत5

माळीड़ा, मत चूंट फूल तो

कन्हैयालाल सेठिया

मरुधर हेलौ मर्‌यौ रे

आशारानी लखोटिया

अै रातां है जागण री

किशोर कल्पनाकान्त

फूल फूल रौ मोल

कल्याणसिंह राजावत

हूक

गजानन वर्मा