बेटी पर गीत

हिंदी कविता में बेटियों

का आगमन उनकी आशाओं-आकांक्षाओं और नम्र आक्रोश के साथ हुआ है, तो पिता बनकर उतरे कवियों ने उनसे संवाद की कोशिश भी की है। प्रस्तुत चयन में इस दुतरफ़ा संवाद को अवसर देती कविताओं का संकलन किया गया है।

गीत13

छाँव सरीखी बेटी है

राजूराम बिजारणियां

काळी

कैलाश मंडेला

लाडल बेटी

आशा शर्मा

सीखड़ली

कानदान ‘कल्पित’

सीख सिखाऊं

गजानन वर्मा

धरती री पहली बेटी

मेघराज मुकुल

म्हूं बेटी बाबल री छोटी

छैलूदान चारण 'छैल'

लाडली

मुकुट मणिराज

लिछमी

रेवतदान चारण कल्पित

बेटी

गीता जाजपुरा

पीहर की पगडण्डी

किशन लाल वर्मा

रूपाळी गिणगौर

धनंजया अमरावत

मन की बुझाऊं

मुकुट मणिराज