

विजयदान देथा
जगचावा साहित्यकार। लोक-कथावां नै आखर देवण सारू नोबेल पुरस्कार खातर नामांकित। ‘बिज्जी’ उपनाम सूं साहित्य जगत में ओळखाण।
जगचावा साहित्यकार। लोक-कथावां नै आखर देवण सारू नोबेल पुरस्कार खातर नामांकित। ‘बिज्जी’ उपनाम सूं साहित्य जगत में ओळखाण।
अेकाध नांव कालिये रा ई लेई
अलेखूं हिटलर
बांणियां नै बेटा को दिया नीं
बारहठजी वाळी आंगळी
भांबी आळी भैंस
बोली-बोली रौ फरक
चौधरण री चतराई
ढोली री घोड़ी
दोय बेरा करिया दीसै
गादेल रौ परताप
घोटौ अर पीवौ
हरड़-भुसंदा हौ
लेतौ जा
मौका री उपज
निगैदास्ती
पागड़ी नै भैंस खायगी
पुटियौ काकौ
साधू री कमाई
सपनौ आधौ साचौ
सुणी पण सांभळी कोनीं
ठाकर रौ आसण