लोकगीत95 अब जागौ नीं बाईसा रा बीर आ तौ कुणसा के मांडी गणगौर आ तौ गौर किस्या बाई की कहीजै ओ राज आज्यौ गणगौरयां प्यारा पांवणा सा ढोला आरत्यौ