लोकगीत177 अैड़ा म्हैं काम किया आ तौ कुणसा के मांडी गणगौर आ तौ गौर किस्या बाई की कहीजै ओ राज आखा तीज गीत आसाढ गीत (हाळी गीत)
कैवत74 आं तिला में तेल कोनी आँख कान को च्यार आंगळ को फरक है आंख्यां सैं आंधो, नांव नैणसुख आंधा नै तो लाठी चाये आंधी आई ही कोनी
आडी22 काची नारी कचकची छोटी सी लकड़ी तामक तैया देखी अेक अनोखी नारी बैसाखां पाछै लगे सिर केसर मुरगा नहीं