

आंटी टेढ़ी खेरड़ी नळी नळी में रस
अरे कहाणी म्हैं कहूं
बैसाखां पाछै लगे
बिना पांख कुण उड़ जावै
छोटौ सौ नांनूलाल
छोटौ सो दुर्गादास
छोटी सी लकड़ी तामक तैया
छोटी सी मीमली
देखी अेक अनोखी नारी
धोळी धरती काळा बीज
अेक मुर्गो चालतौ फिरतौ थाक गियो
एक सखी हम आवत देखा
अेक सींग री गाय
गळा में गांठ गुद्दी में गूमड़ों
गरण गरण नभ चाकी फिरै
काची नारी कचकची
काची नारी कचकची
कदै नहीं म्हैं खाऊं-पीवूं
मूंघी सूं मूंघी करी दिया घसकड़ा चार
नूंवै जुग री बच्ची
सिर केसर मुरगा नहीं
ठंडी-ठंडी घणी निराळी