ग़ज़ल7 आभै में घटावां कोई गा रह्यो गजल इण आस में जीणो पड़ै संसार बदळसी इब भेळा परिवार कठै है मन में साची प्रीत अठै है मिनख मिनख रो बैरी क्यूं है
रतनलाल दाधीच शान्ति शर्मा प्रवीण सुथार नीतू शर्मा कृष्णगोपाल शर्मा श्याम महर्षि अनुराग सुभाष पाटोदिया