भाई रो भाईपणो ढळती छाया है हब्बीड़ो हालो हेमाळे जीवण-रस री धार में कोई गीता गाई व्हैला महिनो फागण रो मन घोड़ो बिना लगाम रो मास बरसालो आयो रे म्हूं भूल्या नहीं भुलाऊला मुरधर म्हारो देस पड़दै रै भीतर सीखड़ली सुणज्यो नेताजी सवारता–सवारता थोड़ी-सी जिंदगाणी में