ग़ज़ल10 गाँव गळी री साख पीपळी दिन में रात स्होवणां सपना पाणी आडी पाळ खेजड़ी मतलब री मनवार आदमी होसी पूरी आस भायला
हरीश सुवासिया निशा आर्य घनश्याम लाल रांकावत भंवर कसाना लक्ष्मणदान कविया मोहन पुरी कविता किरण कुलदीप सिंह इण्डाली