भगवती लाल व्यास
राजस्थानी कविता-जातरा रा सिरैनांव कवि। 'अणहदनाद' कविता संग्रै सारू केंद्रीय साहित्य अकादमी रो सिरै पुरस्कार।
राजस्थानी कविता-जातरा रा सिरैनांव कवि। 'अणहदनाद' कविता संग्रै सारू केंद्रीय साहित्य अकादमी रो सिरै पुरस्कार।
जन्म: 10 Jul 1941 | गिलुंड,भारत
भगवतीलाल व्यास रौ जलम 10 जुलाई, 1941 नै उदैपुर जिले रै गिलुण्ड गाम में व्हियौ। आप हिंदी में एम.ए करी अर सन 1965 सूं पढ़ावण ढूकगा। वां रौ रचनाकरम बरस 1960 सूं सुरु व्है। आठवें दसक री राजस्थानी कविता जिण ढाळै आपरौ पसवाड़ौ फोरै;उठै जिका कवि आपरी बात नै ठावकै ढंग सूं कैवता लखावै, भगवतीलाल व्यास वां मांय सूं एक है। व्यास मूळ रूप सूं ओळूं रा कवि हा।
भगवतीलाल व्यास हिंदी-राजस्थानी दोनां में लगोलग सिरजण करता रैया। दोनूं भासावां में लगैटगै वांरी दरजण एक पोथियां छपियोड़ी है। 'अणहद नाद' संग्रै री कवितावां में भगवतीलाल व्यास रौ कवि आपरै परिवेश में रमियोड़ौ दीसै। वांरी कवितावां रौ ख़ास बीज भाषाई गुण है;जिकौ मेवाड़ अर मारवाड़ नै विलग नीं करै। भगवतीलाल व्यास री पारवारिक थीतियां ई वांरै कवि नै लांठौ पण बणायौ।
'अणहद नाद', 'अगनीमंतर', 'सबद—राग', 'कठा सूं आवै है सबद' आद वांरी टाळवी प्रकासित पोथियां है।
वांनै अलेखूं सनमान दीरीज्या, जिणमें प्रोढ़ शिक्षा निदेशालय, नई दिल्ली, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर रा सम्मान सामिल है। भगवतीलाल व्यास नै वांरै कविता संग्रै ‘अणहद नाद’ माथै केन्द्रीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली रौ सिरै अवार्ड पण मिल्यौ।
17 नवम्बर 2022 नै भगवतीलाल व्यास इण दुनिया सारु ओळूं व्हैगा।