अलूनाथ कविया
सिद्ध-भक्त कवि। जाम्भोजी रा प्रमुख शिष्य।
सिद्ध-भक्त कवि। जाम्भोजी रा प्रमुख शिष्य।
आव गुरु गोरक्ख
भंवर भ्रमैं ऊजळो
भरम तणां भूंगड़ा
ब्रह्म वेद उच्चरै
दिसै जंगळां डगळ
एक नगर सु बसै
एकणि तो ऊपरै
इणि अनेक उध्दरेय
जहाँ कुमति तहाँ सुमति
जेण कंसासुर मारीयो
जेथ नदी जळ बहळ
जिण वासिग नाथियो
कहां चित्त मारुत
कहां घंट टामंक
कुंण हिंदू कुंण तुरक
नलणि नीर आणंद
पांणी पाक पुंणां
पारथ पण्डव पत्र
रवि सस सोम समेत
समर वेख गो संग
वैद जोग वैराग