वागड़ी बोली री कवयित्री।
आव रे वरसाद
बे बिम्ब
भैंत
भाटो
चकली
चाडिए
होकमजी
मावजी नी वाणी
मायड़ भासा
पीपळो
सरस्वती वंदना