मोतीड़ो मंगाय दै ददखीर रो।

सलूना ब्रिजराजा जी॥

नथ उलझी म्हारी थां संग रमतां।

धरत धीर मन हीर रो॥

मुक्तन चित न्हैं मन मोहन।

म्हारो नेह लग्यो सुधीर रो॥

तखतराज घण मोल अमोलो।

मोती मंगावो घण नीर रो॥

स्रोत
  • पोथी : तखतराज पदावली ,
  • सिरजक : महाराजा तख्तसिंह ,
  • संपादक : डी.बी क्षीरसागर ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश, जोधपुर 1992
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