म्हारै हरियल वन रा सूवटड़ा, थानै कृष्ण मिलै तो कीज्यो।
चांच मढाऊं थारी सोवणी, म्हांनै कृष्ण सनेसो दीज्यो।
मोतियन चुगो चुगावस्यां, थे पाछा आय कहीज्यो।
रतन जडा़ऊं थारो पींजरो, म्हारै हिरदा मांय रहीज्यो।
पदम रै स्वामी रो देवो सनेसो, फिर लाख बधाई लीज्यो॥