मन लाग्यो स्याम बिहारी से।
खान-पान सगरौ नहीं भावत।
निरखूँ राह निहारी से॥
स्याम बिना छिन पल न सुहावत।
ज्यौं सफर तलफ बिन वारी से॥
तखतराज सुं बिनती ऊधव।
जाय कहियो गिरधारी से॥