कन्हैयो हमें आडो ही बोलै॥
और त्रिया संग रंग रमै।
आळी, और त्रिया संग डोलै॥
कुबरी के संग राच रह्यौ है।
जाय बिक्यो बिन मोलै॥
तखतराज भर कपट सांवरौ।
मन चित गांठ नै खोलै॥