मीठा बोलो निंव खिंव चालो, न तोड़ो गरू सू नेहा।
मोमिण होय स आपो मारे, औरंया मारंण केंहा।
मोमिण होय स तुटी बांधे, मरियो दुसमण घातै बेहा।
छली सभा मां पड़दो पाई, दोजखि जैला दुसटी एहा।
हंसा हदी टोळी आवै, सरवर करण सनेह।
जांह को पाहळि पातिग नासे, लहियो मोमिण एह।
हंस चलते पिंड पड़ेलो, बांसे कळियळ केहा।
माटी सू माटी रल्य मल्य जैली, कु कु वरणी देहा।
सरय उपरि पुवण ढुळला, घणहर बरसेला मेहा।
नकी वदी पार साथ्य हुवैली, जग करीला जेहा।
ओहे माहारम समसदीन बोले, मीठो दीन सनेहा॥