रैन गई अब आये नै बिहारी॥

त्रिकम तुहारे दरस बिन।

सुकत जाय सरीर।

पापी नैन सुकत नहीं।

भर-भर आवत नीर॥

कहनै गये आये नहीं।

मोहन लाल सुजान।

तुम बिन छिन-छिन पलक मैं।

मोय मारत कंद्रप बान॥

तखतराज मन भावने।

सुघर सलूने स्याम।

मोकुं छांड नै जाइये।

अब कुबरी के धाम॥

स्रोत
  • पोथी : तखतराज पदावली ,
  • सिरजक : महाराजा तख्तसिंह ,
  • संपादक : डी.बी क्षीरसागर ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश, जोधपुर 1992
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