नागौर रा रचनाकार
कुल: 33
कुल: 33
उदार अर निडर कवि। पिता मार शासक बखतसिंह री निंदा में 'पितामार प्रकास' नांव री रचना लिखी। 'वर्णरक्षा विकार' अर 'चूक पच्चीसी' नांव री अन्य रचनांवा भी मिळै।
'विश्नोई संप्रदाय' रा प्रवर्तक। रचनावां में सगुण अर निर्गुण दोनूं धारावां रो प्रभाव। लोक में विष्णु रा अवतार अर आधुनिक पर्यावरण वैज्ञानिक रूप में चावा।
संस्कृत, फारसी, अरबी, पंजाबी अर डिंगल-पिंगल रा नांमी जाणकार कवि। 'रतन रासौ' अर 'राजसमंद रूपक' नांव रै चावै ग्रंथां रा सिरजक।