दूर समंदर
लाल सो गाबौ
हाथ सो काढयां
काळै जळ मैं, जळ रै तळ मैं
डूबतो-डूबतो, डूबग्यो पूरो।
गोळ सो घेरो
लहरां रो एक
काळै जळ पर
जळ रै तळ पर
मांडयो छिने’क अर पाणी जपग्यो
पाछो हुयग्यो
हो ज्यूं रो ज्यूं
हो ब्यूं रो ब्यूं।
याद आपरी आवै तो है-
पण इतणी ही-
लाल सो गाबौ दूर समंदर
काळै जळ मैं-
हाथ सो काढयां
डूब्यो तो हो
पण समदर है
काळो जळ है
कठै सी डूब्यो याद नीं है।