अवतार तौ
जुगोजुग बीतियां
एक बार ई
धारण करै आपरौ बागौ
वो जांणै है आ बात।
इणी सारूं
घड़ी-घड़ी
थनै भेजै मां
दुख नै भोगणियौ
इणरै टाळ कुण जलमियौ
आज तांई
आपां री धरती माथै।