मन थारो है!

थूं इणरो राजा

भलांई मान थूं

सगळां नै प्रजा

थारो अणूतो

गुमेज है

इण माथै ना इतरा...

आखड़'र पड़ैला

थारो कीं नीं बचैला!

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : मधु आचार्य 'आशावादी'
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