उण कद देखियौ
सूरज रौ डूबणौ
अर ऊगणौ चांद रौ
भूख गैळीजियौ वौ
तड़फा तोड़ै
अठी-उठी पचै
अर बावड़-बावड़' र माथौ फोड़ै
खावणी चावै सेवट कुत्ती
आपरा ई जायां नै....
फूलती नसां
खींचण ढूकै
रगत काळजै रौ
अर उणरी आंख्यां में
खुद रा टींगर?
नीं-नीं
उफस-उफस आवती रोट्यां व्है!