जस्सू जावै
आपरै पळटणीवै लारै छोड
बापू री पींडयां रा चसीड़ा
मां रा बिराईज्योड़ा हाथ
खिरती खेतआळै घर री डीगी-भींत
उणरी आंख्यां में
ऊगग्यो
कांकड़ आळो खेजड़ो
ब्यायोड़ी गोरकी गाय रो
कूदतो रमतो डूडियो
मन में उणरै पसरग्यो
बाजरियो-खेत
गांव-गोरवों
सपनां रै पड़दै आयग्या
साथीड़ां रा साथ
हरियाळो धण रो धणकियो।
जस्सू पूछै है मन रै पांण-
हिल्तै हाथां सूं केई कैरीला-सवाल।
उणरी फुरणियां में
भरीजण लागी जैरीली-बास
रड़कण लाग्या आंख्यां में
सवालू-रावळिया
ठैरग्यो उणरै मन रो उछळतो डूडियो
बिखरग्या गांव गोरवां अर बाजरिया खेत
माटी में मिलगी ऊंची-घर री भींत
नजीक आवण लागी
ज्यूँ-ज्यूँ जस्सू री पळटण!