मुलकीराम मोथौ

कदै अज्जादी रै डील में चूंटका भरै

कदै छाती रूंधै नै

अणूंता धमीड़ा धरै!

वौ कीचराज नीं जांणै

कै ठठेरै री जाई खुड़कां सूं कोनी डरै।

स्रोत
  • पोथी : पगफेरौ ,
  • सिरजक : मणि मधुकर ,
  • प्रकाशक : अकथ प्रकासण, जयपुर