इतरो मीठो

सुर सुणीज र्‌यो

थारी वीणा बाजै है।

घणो सोवणों चढ़ाव है।

इणसूं मीठो उतार है।

इण चढ़ाव में

इण उतार में

राग मोवणी राजै है।

इतरो मीठो

सुर सुणीज र्‌यो

थारी वीणा बाजै है।

सात ग्राम है तीन ताल है।

राग भैरवी है घमाल है।

प्रीत-भाळ री

गीत-गाळ री

इमरत-मिठास लाजै है।

इतरौ मीठो

सुर सुणीज र्‌यो

थारी वीणा बाजै है।

थारी आंगळियां जद चालै।

इमरत घोळ कान में घालै।

थारा सुवरणिया

सोवन-सुर

सगळी स्रिस्टी साजै है।

इतरो मीठो

सुर सुणीज र्‌यो

थारी वीणा बाजै है।

स्रोत
  • पोथी : सगळां री पीड़ा-मेघ ,
  • सिरजक : नैनमल जैन ,
  • प्रकाशक : कला प्रकासण, जालोर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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